Bas Jeene Bhar Ko | Hindi Poem

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बस जीने भर को थोड़ी सी सांसे दे दे ,

जी भर के जी ले इतनी आसे दे दे |


जिंदगी भर तो हम गुमनाम रहे,

कितने गम कितनी पीड़ा कितने कष्ट सहे |


जिंदगी को सलाम देकर हम तो चले,

देने वाले कभी तो मुझसे मांग ले |


जिंदगी भर संजोया सब खो गया है,

जीते जीते इसे इससे प्यार हो गया है |


जाना है अब यह से तो क्यों रो दे, 

जाते जाते नयी एक जिंदगी बो दे |


बस जीने भर को थोड़ी सी सांसे दे दे ,

जी भर के जी ले इतनी आसे दे दे |


- अतुल कुमार वर्मा
Bas Jeene Bhar Ko | Hindi Poem Bas Jeene Bhar Ko | Hindi Poem Reviewed by Atul Kumar Verma on मई 16, 2011 Rating: 5

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