Meri Maa | Two Lines for Our Loving Mothers

Meri Maa | Two lines for our loving mothers | Hindi Kavita

नमस्कार दोस्तों,
आज की पंक्तिया हम सब की प्यारी माँ के बारे में। कितना कुछ कहा गया है माँ के बारे में, बहुत कोशिश की गई है उसकी ममता को शब्दों में पिरोने की, पर माँ शब्दों से परे है। शुक्र है एक माँ मेरी भी है। 
बूढ़ी जर्जर धूमिल आँखों से, राह तकती मेरी माँ |

निर्बल काया पर जाने क्यों, कभी न थकती मेरी माँ |


- अतुल कुमार वर्मा





Not a fan of reading, listen me to recite this poem on Youtube.



Meri Maa | Two Lines for Our Loving Mothers Meri Maa | Two Lines for Our Loving Mothers Reviewed by Atul Kumar Verma on अप्रैल 03, 2020 Rating: 5

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