नमस्कार दोस्तों,
प्रस्तुत है एक संक्षिप्त हिंदी कविता भगवान् राम के जीवन पर। बच्चो को भगवान् राम
के जीवन का बोध कराती ये बाल कविता सरल शब्दों का उपयोग करती है। छोटे बड़े सभी
पढ़े और बताये कैसी लगी ये संक्षिप्त रामायण।
सूर्य वंश के राजा दशरथ,
पुत्र प्राप्ति का था एक मनोरथ।
दशरथ की थी तीन रानी,
देने वाला कोई न पानी।
दान पुण्य कर यज्ञ कराया,
चार पुत्रों को उन्होंने पाया।
शत्रुघन, लक्ष्मण, भरत और राम,
चारो ओर थी धूम धाम।
सबसे बड़े पुत्र थे राम,
राम राम राम राम।
चारो बालक गुरुकुल गए,
गुरु दर्शन उनको हुए।
ज्ञान प्राप्त कर आये भगवन,
देते बधाई सब नारी जन।
विश्वामित्र अयोध्या आये,
राम लक्ष्मण को मांगन आये।
गुरु ने मनोकामना जताई,
यज्ञ रक्षा करें दोई भाई।
अवध छोड़ चले लक्षमण राम,
राम राम राम राम।
जनकपुरी में रचा स्वयंवर,
राम लक्ष्मण दो गए दिगंबर।
फूल तोड़ने उपवन आये,
सिय सखियाँ उन्हें देख लजाये।
जो दिखलाये धनुष उठाकर,
वो होगा सीता का प्रभुवर।
सब योद्धा थक थक कर हारे,
धनुष हटा ना तनिक किनारे।
तब उठ कर आये थे राम,
राम राम राम राम।
धनुष छुअत ही टूट गया,
अचरज सबको बहुत भया।
अवधपुरी में वर वधुएं आयी,
चारों ओर थी खुशियां छायी।
मन था कोमल सुन्दर काया,
राम के जीवन में सुःख आया।
राजा दशरथ वृद्ध हो आये,
राज्य का शासन पुत्र चलाये।
अगले राजा होंगे राम,
राम राम राम राम।
अब राजा बनने की बारी,
ज्येष्ठ पुत्र की हुई तैयारी।
कैकेयी के हीन भावना,
दशरथ से थे त्रिवर मांगना।
चौदह वर्ष वनवास में राम,
शोक में बदली धूम धाम।
लक्ष्मण सिय संग जाते राम,
राम राम राम राम।
भरत को राजगद्दी दिलायी,
भरत ने अविलम्ब ठुकरायी।
राम पहने हैं साधू वेश,
जंगल में है किया प्रवेश।
पवित्र हुए हैं सारे तृण कण,
फूल जहाँ थे आ गए कंकण।
जंगल में आवास बनाया,
अपना जीवन वहीं बसाया।
कंदमूल खाते हैं राम,
राम राम राम राम।
भातृ भावना हुई उत्पन्न,
भरत ने छोड़ा जल और अन्न।
दशरथ भी हो गए बीमार,
पुत्र वियोग का कष्ट अपार।
राम लिवाने भरत गये,
अटल प्रतिज्ञा राम किये।
सिंघासन पर खड़ाऊ धरेंगे,
अवध की सेवा भरत करेंगे।
फिर भी राजा होगें राम,
राम राम राम राम।
-अतुल कुमार वर्मा
Ramayana - Short Hindi Poem (रामायण - संक्षिप्त बाल हिंदी कविता)
Reviewed by Atul Kumar Verma
on
सितंबर 18, 2020
Rating:
beautifully explained
जवाब देंहटाएंBeautifully written
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